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The Noble Foundation: A Source of Inspiration

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1st Noble Award 2018


श्रीमती राजयोगिनी दादी जानकी जी, एक अद्वितीय व्यक्तित्व और नारी शक्ति का अनुपम उदाहरण हैं। उनका पूरा जीवन मानवता, दया, करुणा, प्रेम, और भाईचारे के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने अपने अलौकिक दृष्टिकोण और जीवनशैली के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा दी। उनकी प्रेरणा ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में मानवता के कल्याण का संदेश फैलाया।

यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है कि 31 दिसंबर 2018 को दी नोबल फाउंडेशन ने उन्हें 1st Noble Award 2018 से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनकी अनवरत सेवाओं, विश्व शांति के प्रति समर्पण, और मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए दिया गया। यह दिन ऐतिहासिक बन गया क्योंकि यह पुरस्कार पहली बार विश्व स्तर पर किसी विभूति को प्रदान किया गया।

इस अवसर को और भी विशेष बनाने वाला तथ्य यह है कि अगले दिन, 1 जनवरी 2019 को, दादी जानकी जी ने अपने 104वें वर्ष में प्रवेश किया। यह उनकी दीर्घायु, अनुशासन, और सेवा की भावना का प्रमाण है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची सफलता दूसरों की भलाई में निहित है। दादी जी का यह सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्यों का छोटा सा आभार है।

दी नोबल फाउंडेशन ने यह भी घोषणा की कि ऐसे महान कार्य करने वाली हस्तियों को हर वर्ष "नोबल अवार्ड" से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। दादी जानकी जी का जीवन और योगदान मानवता के लिए एक आदर्श है, और यह सम्मान उनकी सेवाओं का प्रतीक है। उनकी सादगी और सेवा भावना हमें एक बेहतर समाज और बेहतर विश्व की ओर प्रेरित करती है।

श्रीमती राजयोगिनी दादी जानकी

2nd Noble Award 2020


डॉ. कांतिलाल हस्तीमल संचेती, चिकित्सा क्षेत्र के एक आदर्श स्तंभ और सामाजिक सेवा के प्रतीक हैं। उनकी अनवरत सेवाओं ने न केवल चिकित्सा जगत में एक नई दिशा प्रदान की, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में आशा का संचार किया। उनके योगदान ने भारत को वैश्विक स्तर पर चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा दिलाई है।

31 दिसंबर 2020 को दी नोबल फाउंडेशन ने उन्हें 2nd Noble Award 2020 से सम्मानित किया। यह पुरस्कार चिकित्सा विज्ञान में उनके अद्वितीय योगदान और मानवता के लिए किए गए उनके निःस्वार्थ कार्यों को समर्पित है। डॉ. संचेती ने ऑर्थोपेडिक सर्जरी और कृत्रिम अंग निर्माण में क्रांति ला दी है, जिससे हजारों विकलांग लोगों को नया जीवन मिला है।

डॉ. संचेती की सेवा भावना और उनकी समर्पणशीलता एक प्रेरणा है। उन्होंने चिकित्सा को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम माना। उनके द्वारा स्थापित संचेती अस्पताल एक उदाहरण है, जो उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहा है। उनकी पहल ने स्वास्थ्य सेवा को आमजन तक सुलभ और किफायती बनाया है।

दी नोबल फाउंडेशन ने इस अवार्ड के माध्यम से डॉ. संचेती के योगदान को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। उनकी उपलब्धियां हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो समाज की भलाई के लिए काम करने की इच्छा रखते हैं। डॉ. संचेती का जीवन हमें सिखाता है कि समर्पण, सेवा और परिश्रम से दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

डॉ. कांतिलाल हस्तीमल संचेती

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3rd Noble Award 2023


श्री जगद्गुरु रामानंदाचार्य, भारतीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के एक विलक्षण संत, विश्व शांति और मानवता के मार्गदर्शक हैं। उनके विचार, शिक्षा, और कर्म मानवता को प्रेम, सद्भाव, और सत्य के पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उनका जीवन एक आदर्श है, जो धार्मिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक उत्थान के लिए समर्पित है।

2023 को दी नोबल फाउंडेशन ने उन्हें 3rd Noble Award 2023 से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनके द्वारा किए गए सामाजिक और धार्मिक सुधार कार्यों, मानवता के कल्याण में उनके योगदान, और भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रसार के लिए प्रदान किया गया। श्री रामानंदाचार्य जी ने अपने प्रवचनों और शिक्षाओं के माध्यम से समाज को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ने का अनुपम कार्य किया है।

श्री रामानंदाचार्य जी का जीवन अहिंसा, करुणा, और सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने जाति, धर्म और समाज के भेदभाव को समाप्त कर, एक समान समाज के निर्माण का आह्वान किया। उनके द्वारा स्थापित शिक्षा और धर्म के केंद्र न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर आध्यात्मिक जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। उनके विचार समाज को नैतिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

दी नोबल फाउंडेशन ने इस पुरस्कार के माध्यम से उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित किया है। श्री रामानंदाचार्य जी का जीवन और संदेश मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्यों की महत्ता को दर्शाता है और भविष्य में समाज को उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

श्री जगद्गुरु रामानंदाचार्य

4th Noble Award 2024


श्री करपात्री जी महाराज, जिन्हें धर्मसम्राट के रूप में जाना जाता है, भारतीय संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के महान प्रचारक थे। 2024 में चौथा नोबल अवार्ड उन्हें उनकी असाधारण धार्मिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित किया गया। उन्होंने न केवल वेदों और पुराणों की गहन व्याख्या की, बल्कि आधुनिक युग में धर्म और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन त्याग, तपस्या और धर्म की रक्षा के प्रति समर्पित था।

श्री करपात्री जी ने अपने लेखों और प्रवचनों के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने का प्रयास किया। उनकी पुस्तक "मार्क्सवाद और रामराज्य" ने समाजवादी विचारधारा और रामराज्य के सिद्धांतों के बीच स्पष्ट अंतर प्रस्तुत किया। उन्होंने हमेशा यह कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म ही विश्व में शांति और संतुलन ला सकते हैं। उनकी गहरी विद्वता ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लाखों लोगों को प्रेरित किया।

नोबल पुरस्कार समिति ने इस बात को स्वीकार किया कि श्री करपात्री जी का योगदान न केवल धार्मिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक जागरूकता में भी अतुलनीय है। उनकी शिक्षाओं ने कई पीढ़ियों को नैतिकता और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित किया। वे एक संत के साथ-साथ एक विचारक और सामाजिक सुधारक भी थे, जिन्होंने धर्म को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने का कार्य किया।

चौथा नोबल अवार्ड श्री करपात्री जी महाराज को सम्मानित करके, यह साबित करता है कि उनकी शिक्षाएं और उनके द्वारा दिया गया संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रभावी है। उनका जीवन मानवता के लिए एक उदाहरण है और उनकी विचारधारा समाज को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शक है। यह पुरस्कार भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के गौरव को विश्व मंच पर एक नई पहचान देता है।

श्री करपात्री जी महाराज

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5rd Noble Award 2024


द ग्रेट खली, जिन्हें उनके असली नाम दलीप सिंह राणा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक ऐसे अद्वितीय व्यक्तित्व हैं जिन्होंने विश्व स्तर पर भारतीय गौरव को बढ़ाया है। वे न केवल विश्व प्रसिद्ध पेशेवर पहलवान हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और साहस के बल पर असाधारण ऊंचाइयों को छुआ। उनका जीवन संघर्ष और सफलता की अनूठी कहानी है, जिसने लाखों लोगों को प्रेरणा दी है।

2024 को द ग्रेट खली को "5th Noble Award" से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें खेल और समाज में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने कुश्ती के माध्यम से भारत को विश्व मंच पर पहचान दिलाई और युवाओं को यह संदेश दिया कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता ने ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण पैदा की।

द ग्रेट खली का योगदान खेल से परे भी है। उन्होंने अपनी प्रसिद्धि का उपयोग समाज सेवा और मानवता की भलाई के लिए किया है। गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए वे सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उनका व्यक्तित्व न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि एक दयालु और संवेदनशील इंसान के रूप में भी लोगों के दिलों में जगह बनाता है।

नोबल फाउंडेशन ने उन्हें सम्मानित करते हुए कहा कि द ग्रेट खली का जीवन प्रेरणा और संघर्ष का प्रतीक है। यह पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत और समाज के प्रति उनके योगदान का प्रतीक है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हर बाधा को पार करके अपने सपनों को साकार किया जा सकता है। द ग्रेट खली का यह सम्मान उनकी उत्कृष्टता और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।

द ग्रेट खली

Frequently Asked Questions

The Noble Foundation is a globally recognized organization dedicated to humanitarian efforts, peace promotion, and social development.

The mission of The Noble Foundation is to foster unity, compassion, and positive change by supporting various social, educational, and spiritual initiatives.

Swami Vishwanand is the Brand Ambassador of The Noble Foundation, leading efforts to promote global peace and harmony through spiritual guidance and humanitarian activities.

You can support The Noble Foundation by volunteering, donating, or participating in its various programs aimed at uplifting communities worldwide.

You can reach out to The Noble Foundation via email at gauravganeshia1983@gmail.com or call +91-7877311115, 9983791111 for inquiries and collaborations.

The Noble Foundation was founded by Dr. H.C. Ganeshia, a visionary leader dedicated to promoting humanitarian values and social welfare.

The Noble Foundation works in areas such as education, healthcare, environmental conservation, and community development to create a better and more compassionate world.