डॉ. कांतिलाल हस्तीमल संचेती, चिकित्सा क्षेत्र के एक आदर्श स्तंभ और सामाजिक सेवा के प्रतीक हैं। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में अपनी अनूठी विशेषज्ञता और समर्पण से लाखों लोगों को नई जिंदगी दी। उनका योगदान भारत को वैश्विक चिकित्सा मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण रहा है।
डॉ. संचेती ने **ऑर्थोपेडिक सर्जरी और कृत्रिम अंग निर्माण** के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उनके द्वारा विकसित नवीन चिकित्सा तकनीकों ने विकलांगों के लिए जीवन को अधिक सहज और स्वतंत्र बनाया है। उन्होंने कम लागत वाली कृत्रिम अंग तकनीक विकसित की, जिससे हजारों जरूरतमंदों को बिना महंगे उपचार के चलने-फिरने की सुविधा मिली।
31 दिसंबर 2020 को, दी नोबल फाउंडेशन ने चिकित्सा जगत में उनके अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें **2nd Noble Award 2020** से सम्मानित किया। यह पुरस्कार न केवल उनके कार्यों की सराहना करता है, बल्कि युवा चिकित्सा विशेषज्ञों और समाजसेवकों को भी प्रेरित करता है।
डॉ. संचेती द्वारा स्थापित **संचेती अस्पताल** आज भारत के प्रमुख **ऑर्थोपेडिक चिकित्सा केंद्रों** में से एक है। यहाँ न केवल उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं, बल्कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भी उचित दरों पर उपचार प्रदान किया जाता है।
उनकी सेवा भावना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने जीवनभर चिकित्सा को केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि मानवता की सेवा के रूप में देखा। उनके प्रयासों से सैकड़ों छात्रों को मेडिकल क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया, जो आज उनके आदर्शों पर चलते हुए समाज की सेवा कर रहे हैं।
**नोबल अवार्ड** का उद्देश्य उन लोगों को सम्मानित करना है, जिन्होंने समाज के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो। डॉ. संचेती को यह पुरस्कार प्रदान कर नोबल फाउंडेशन ने उनकी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी।
डॉ. कांतिलाल संचेती का जीवन हमें सिखाता है कि जब कोई व्यक्ति निस्वार्थ सेवा और समर्पण के साथ कार्य करता है, तो वह दुनिया में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।